You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palडॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’ की प्रस्तुत अभिनव पुस्तक-‘‘बाल साहित्य: एक विमर्श’’ एक ऐसा नवनीत प्रदान करेगी जो निश्चय ही बाल साहित्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन करेगी। इस पुस्तक में छह आलेख हैं जिनमें संवेदनशील, सजग और जिम्मेदार साहित्यकार के नाते लेखक ने अपनी चिन्ताओं को उजागर किया है। .
बालकथा लेखन और लेखकीय दायित्व आलेख में वह लिखते हैं- ‘‘वे (अभिभावक) अपने बालक को पुस्तक में लिखे अनुसार प्रातः भ्रमण पर निबन्ध तो रटाना चाहते हैं पर स्वयं जल्दी बिस्तर छोड़कर अपने साथ अपने बच्चे को भी प्रातः भ्रमण पर ले जाकर, उसे व्यावहारिक ज्ञान नहीं देना चाहते।’’
सामाजिक सरोकार की दृष्टि से सजग साहित्यकार और नागरिक की भूमिका में दृष्टिगोचर हो रहे हैं उनकी चिन्ता सर्वविदित है।‘‘बाल साहित्य में भारतीय संस्कार और परिवेश की भूमिका’’ नामक द्वितीय आलेख में विस्तृतचर्चा करते हुए अनेक उदाहरणों से महत्ता प्रतिपादित की गई है। ‘‘बालकथा लेखन: बदलते परिदृश्य’’ आलेख में लेखक ने उपनिषद, रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता, जैन और बौद्धों की जातक कथाओं, बोध कथाओं से लेकर मध्यकाल में परिवर्तित रूप का वर्णन किया है। इस आलेख में बहुत ही सुन्दर सांगोपांग वर्णन किया गया जो बालसाहित्य के प्रति चेतना जागृत करता है।चतुर्थ आलेख में लेखक ने हिन्दी बालसाहित्य में एतिहासिक चिंतन ’’ विषय पर शोधपूर्ण विश्लेषण करके अपनी व्यापक धोध-दृष्टि का परिचय दिया है। समग्र चिंतन और विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि डॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’ का सृजन अद्भुत, अतुल्य, दिशा और दृष्टिपरक है। शोध छात्र, अध्यापक, अभिभावक आदि सभी के लिए उपयोगी है।
डॉ.दिनेश पाठक ‘शशि’
नाम-डा.दिनेश पाठक ‘शशि’
जन्म- 10 जुलाई 1957 ई.
शिक्षा- विद्युत इंजीनियरिंग, एम.ए.(हिन्दी), पी-एच.डी.
प्रकाशन- कहानी,बालकहानी,बाल उपन्यास, व्यंग्य, लघुकथा, नाटक आदि की
35 पुस्तकें प्रकाशित एवं 19 पुस्तक और 11 पत्र-पत्रिकाओं का संपादन कार्य।
सन् 1975 से प्रकाशन एवं सन् 1980 से आकाशवाणी व दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण।
3 कहानियाँ कक्षा-1,4 व 6 के हिन्दी पाठ्यक्रम में शामिल। एक बाल कहानी
पर शार्ट फिल्म का निर्माण हुआ है। आगरा वि.वि. से ‘कथा साहित्य शिल्पी
डा.दिनेश पाठक‘शशि’ : व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ विषय पर शोध कर डा.शिखा
तोमर ने पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है
भारत सरकार के प्रेमचंद एवं लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार तथा उ.प्र.हिन्दी संस्थान
लखनऊ के श्रीधर पाठक-नामित पुरस्कार एवं अमृत लाल नागर बाल कथा सम्मान
सहित तीन दर्जन से अधिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
सचिव- पं.हरप्रसाद पाठक-स्मृति बाल साहित्य पुरस्कार समिति मथुरा
संरक्षक- तुलसी साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, मथुरा
सम्प्रति- रेलवे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर पद से सेवा निवृत्त
गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा सलाहकार समिति हेतु चयनित।
मोबाइल- 9870631805 ईमेल-drdinesh57@gmail.com
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.