You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआसमां में सुराख” कोयला उद्योग के कर्मियों की मेहनत और चुनौती भरे कार्य और उनके द्वारा देशहित में किए जा रहे भीड़ से अलग हटकर कार्य को दुनिया के सामने लाने की एक छोटी-सी पहल है। ये कोयला कर्मी जब साल के तीन सौ पैंसठ दिन ज़मीन के नीचे या ऊपर कोयला निकालकर विद्युत केन्द्रों को ईंधन के रूप में भेजते हैं, तब जाकर हमारे-आपके घर में बिजली जलती है।
देश की ऊर्जा की जरूरत को पूरी करने वाले पर्दे के पीछे के इन लोगों के बारे में हम-आप कम जानते है। लेकिन इनके कार्य कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं। इनकी लगन, मेहनत हमारे-आपके लिए मार्ग दर्शन का कार्य कर सकती है। इनके द्वारा लगभग रोज़ असंभव से लगने वाले कार्य को संभव करने के बारे में जान कर हम सभी प्रोत्साहित हो सकते हैं। हम और आप यह जानें कि कैसे ये कर्मी, चाहे पुरुष हों या महिला, हमारे-आपके और देश की खुशहाली के लिए अपना पसीना बहाते हैं।इस किताब में इन्हीं सब पर चर्चा होगी,छोटी-छोटी कहानियों के रूप में।
वास्तविक कहानियाँ आसमां में सुराख करने वालों की.......।
राजीव रंजन
राजीव रंजन मिश्र (राजीव रंजन), कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी कंपनी,वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के सीएमडी रहे हैं। इस पद से उनकी सेवानिवृति 31 दिसम्बर, 2020 को हुई। लगभग 38 वर्षों से अधिक का अनुभव समेटे श्री मिश्र को कोयला उद्योग में एक शख्सियत के रूप में जाना जाता है।
वेकोलि के सीएमडी के रूप में अपने 6 वर्ष के कार्यकाल के दौरान उन्होंने एक बीमार कंपनी को शिखर पर ले जाने का अद्भुत कार्य किया। आज वेकोलि को देश में सभी कोयला कंपनी में एक नयी सोच, एक नयी पहल करने वाली कंपनी माना जाता है। वह अपनी सकारात्मक सोच, लीक से हटकर पहल, मानव पूंजी के लिए किए जाने वाले कार्य और कोयला क्षेत्र में नयी परिकल्पना के लिए जाने जाते हैं। इनमें इको-माइन टूरिस्म, खदान के जल से कोल नीर, खदान के ओवरबर्डेन से रेत प्रमुख हैं। माननीय प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उनकी पहल की सराहना की।
मानव संसाधन के विशेषज्ञ और एक कुशल रणनीतिकार, श्री मिश्र ने अपने कार्यकाल के दौरान कोयला उद्योग के कर्मियों को मानव पूंजी की तरह सहेज कर रखा, उनके साथ-साथ चल कर उद्योग में रिश्तों की एक नयी परिभाषा लिखी। उन्होंने वेकोलि में मानव पूंजी प्रबंधन की सकारात्मक विचारधारा को लागू कर वेकोलि को पहले ‘टीम वेकोलि’ और फिर ‘वेकोलि परिवार’ में परिवर्तित कर दिया।
श्री मिश्र को एशिया पैसिफिक एचआरएम कांग्रेस के ‘मोस्ट पावरफुल एचआर प्रोफेशनल ऑफ इंडिया’ अवॉर्ड और ‘एलेट्स पीएसयू समिट लीडरशिप अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। उनके नाम कई और अवार्ड हैं। श्री मिश्र एक अच्छे वक्ता और एक अच्छे लेखक भी हैं।
इसके पूर्व श्री मिश्र ने वेकोलि की अपनी यात्रा पर इस वर्ष की शुरुआत में “असंभव संभव” किताब लिखी,जो अत्यंत प्रचलित हुई। उसे अमेज़न के बेस्ट सेलर में स्थान मिला। कोयला उद्योग के कर्मियों पर लिखी ‘आसमां में सुराख’, उनकी अगली कृति है और कोयला शृंखला पर लिखी जाने वाली तीन किताबों में दूसरी किताब।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.