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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palवेदांत और आधुनिक विज्ञान को जोड़ने के कार्य में पिछले 2000 साल में हुई यह सबसे बड़ी शुरुआत है।
- ड़ो. जी. माधवन नायर, पूर्व प्रमुख ISRO
सेंकडो ब्रह्मांडो से बनी यह सृष्टि मूलभूत रूप से एक ख़ास कारण और एक निश्चित विज्ञान से ही चलायमान है। आधुनिक विज्ञानने उस मूलभूत विज्ञान को अनेक शाखाओं में बाँट दिया है, जहां हर शाखा दूसरी शाखा के बारे में दुर्लक्ष बनाकर रखती है। प्रो. स्टीफ़न होंकिंग का मानना था कि विज्ञान को खंडित करने की हमारी इस रीत ने ही आधुनिक विज्ञान को सृष्टि का अंतिम सत्य जानने से वंचित रखा है। विश्व को ज़रूरत है उस एकीकृत विज्ञान की जिस पर यह समग्र अस्तित्व बुनियादी रूप से आधारित हो। वेदांत के वैज्ञानिक सिद्धांतों को आधुनिक विज्ञान की नींव में डालकर यह पुस्तक उसी एकीकृत विज्ञान को मानवजाति के समक्ष पहलीबार प्रगट कर रही है। सृष्टि के आरम्भ से मानव की उत्पत्ति तक और मानव की मुक्ति से सृष्टि के विलय तक की यह यात्रा हमारे सारे सवालों के सरल और वैज्ञानिक जवाब देती है।
डॉ. कौशिक चौधरी
करीब २३ वर्ष की आयु में डॉ. कौशिक चौधरी गहन आत्मसाक्षात्कारों से गुजरे और सृष्टि के विज्ञान को एक अखंडित विज्ञान के रूप में जान लिया। संयोग से श्री कौशिक कभी फिजिक्स के भी गहन अभ्यासु रहे थे। इसी वजह से उन्होंने साक्षात्कारों से जाने हुए सत्य को जब विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया तब उसकी भाषा आधुनिक विज्ञान की थी। यह सत्य उन्होंने वर्ष २०१५ में अपनी पहली अंग्रेजी पुस्तक "It's not a Creation It's a Projection through Expression” में प्रदर्शित किए। किताब प्रो. स्टीफन हॉकिंग, डॉ. अब्दुल कलाम, डॉ. जयंत नार्लेकर तथा ISRO के प्रमुख रह चूके डॉ. जी. माधवन नायर और डॉ. के. राधाकृष्णन् जैसे वैज्ञानिकों और अन्य महानुभावों को भेजी गई, जहां गुजरात के नामी कॉलमिस्ट पद्मश्री देवेन्द्र पटेल, श्री भवेन कच्छी और श्री के.आर. चौधरीने इस पुस्तक पर अपनी अपनी न्यूज़पेपर कोलम में लेख लिखे। डॉ. कौशिक चौधरी गुजराती अख़बार गुजरात समाचार की 'रविपूर्ति' में दो वर्ष तक 'प्रोजेक्टर' नाम से कॉलम लिख चूके हैं। डॉ. कौशिक चौधरी फ़िलहाल गुजरात स्थित पालनपुर में डेंटल सर्जन के रूप में कार्यरत है। डॉ. कौशिक चौधरी का सारा लेखन व अन्य कार्य उनकी वेबसाइट www.kaushikchaudhary.com पर उपलब्ध है।
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