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Vichaar aur Vyavahaar / विचार और व्यवहार Khushiyon ka Aadhaar / खुशियों का आधार

Author Name: Chandra Kant Saran | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

हमारे जीवन में कई बार अनछुए और अदृश्य पहलुओं के बारे में हमें अक्सर कोई निर्णय नहीं सूझता है। कई विचार मन में घुमड़ने लगते हैं और सही दिशा को तलाशते रहते हैं। ये सारे मसले पारस्परिक व्यवहार संबंधों के होते हैं। इन विकट परिस्थितियों से सरलतापूर्वक निपटने के लिए बस छोटे-छोटे कदम उठाने की आवश्कता होती है।

इस कविता संग्रह में रोजमर्रा में आने वाली समस्याओं के विषय में सरल बातें कही गई हैं, जो इनका समाधान खोजने में सहायक हो सकती हैं। आशावादिता और हौसलों को अपने व्यक्तित्व का स्थाई हिस्सा बनाए रखने से अपने विचारों को साध कर इच्छित दिशा में लाया जा सकता है। इस पुस्तक के पन्नों में आध्यात्म की बातें भी महसूस होंगी, जिससे मन में चल रहे द्वंद्वों का विवेकपूर्ण हल खोज सकते हैं।

इन कविताओं में मन को आनंद की दुनिया की ओर जाने के लिए प्रेरित करने वाली बातें हैं। इन्हें विचार कर, अपने व्यवहार में प्रयुक्त करने का सतत् प्रयास करने से, अपने अभीष्ट को सिद्ध कर पायेंगे और वह खुशियों का आधार बन पायेगा।

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चन्द्र कान्त शरण

चन्द्र कान्त शरण, 75, की पृष्ठभूमि सरलता और स्नेहपूर्ण सम्बंधों से परिपूर्ण बिहार प्रदेश है। पटना वि. वि. में भौतिकी में प्राध्यापक, फिर बैंक में 35 वर्षों तक पदाधिकारी और सेवा निवृति के बाद इंदौर में कई वर्षों तक एक औद्योगिक समूह में ‘बिजनेस नियंत्रक सलाहकार’ रहा। व्यवहारिक विज्ञान के प्रशिक्षण, CISA की योग्यता और बैंक की सुदृढ़ आतंरिक नियंत्रण प्रणाली ने शरण की कार्य शैली को मानव-केन्द्रित बनाया। पहली प्रकाशित रचना- ‘मन के जीते, जीत- हर पल एक नया सवेरा’।

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