You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजादुई कालीन बोलती है यह डॉक्टर स्ट्रेंज कौन है तब शिवाय बोलता है इतना समय नहीं है जल्दी से जाओ तब जादुई कालीन बोलती है ठीक है मैं डॉक्टर स्ट्रेंज को लेने जा रही हूं जब तक तुम इस मम्मी का ध्यान रखो और शिवाय को मम्मी देकर जादुई कालीन निकल जाती है इधर बवंडर तेजी से शिवाय के पीछे पड़ जाता तथा जहां से भी यह बवंडर गुजरता है वहां का रास्ता खंडहर में तब्दील हो जाता है तथा उस जगह का कोना-कोना नष्ट हो जाता है शिवाय फिर उस मम्मी को थार के रेगिस्तान में ले जाता है और वहीं पर उस बवंडर को घुमाता रहता है इधर जादुई कालीन डॉक्टर स्ट्रेंज के पास पहुंचती है और वह कहती आपको तुरंत ही हमारे साथ चलना होगा डॉक्टर स्ट्रेंज बोलता है तुम कौन हो जादुई कालीन बोलती है आप इतने महान जादूगर होकर आपको डर लग रहा है फिर डॉक्टर स्ट्रेंज तुरंत ही उस जादुई कालीन के साथ चलने के लिए तैयार हो जाता है फिर मिस्र में पहुंच जाते हैं जहां पर राधे और भारत से वह जादुई पत्थर से बना हुआ राक्षस हमला करता है डॉक्टर स्ट्रेंज देखकर अपनी जादुई शक्ति से उस पत्थर के राक्षस को रोक देता है जैसे ही उस पत्थर के राक्षस का मुकाबला करने के लिए डॉक्टर स्ट्रेंज अपनी जादू का प्रयोग करता है तभी लौकी वहां पर प्रकट होकर डॉक्टर स्ट्रेंज पर हमला करता है जिससे डॉक्टर स्ट्रेंज घायल हो जाता है यह देखकर राधे अपने विकराल रूप में आकर अपने सारे शरीर में अग्नि प्रज्वलित करती है और लौकी पर आग की लपटें से हमला करती है जिससे लौकी का आधा शरीर जल जाता है और वह घबराता हुआ है थानोस के प्राण उस पत्थर के राक्षस में भर देता है जिससे थानोस फिर से जिंदा हो जाता है और वह डॉक्टर स्ट्रेंज का मुकाबला करने के लिए तैयार हो जाता है
भारत सिंह भोई
मेरा जो जीवन बड़ा ही संघर्ष से गुजरा हुआ है और गुजर रहा है मैंने अपनी सारी इच्छाओं को दफन कर दिया मेरे सारे सपने अपनों के लिए छोड़ दिए है क्योंकि मैं नहीं चाहता मेरी वजह से कोई अपना दुखी हो लेकिन कुछ लोग मुझसे इतनी दूर चले गए जिन्हें में पा तो नहीं सकता और ना ही देख सकता हूं सिर्फ मन में कल्पना कर सकता हूं और उस परमात्मा से दुआ करता हूं वो जहा भी रहे बस खुश रहे
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.