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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसवरा जनजाति भारत मे निवासरत प्राचीनतम जनजातियों मे से एक है। सवरा भारत के सभी प्रमुख राज्यों मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। जहाँ उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश मे ये बहुतायत मे हैं वहीं बंगाल, झारखंड, असम मे भी इनकी अच्छी खासी आबादी पाई जाती है। महान सवरा जाति कई उपजातियों व वर्गों मे भी विभाजित है। सवरा अपनी विशिष्ट संस्कृति, रीति रिवाज, कला और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रस्तुत किताब भारत की प्राचीनतम महान जनजाति, सवरा जनजाति के बारे मे जानकारी प्रदान करती है। सवरा एक कृषि प्रधान जाति है। जल, जमीन और जंगल सवरा लोगों के प्राण है। वर्षों से अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को सहेजे सवरा जनजाति आज बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस किताब के जरिए सवरा जनजाति की जीवन पद्धति, खानपान, रीति रिवाज, कला और संस्कृति के बारे मे बताने का अनूठा प्रयास किया गया है।
नवीन कुमार
पेशे से इंजीनियर, 1982 मे पैदा हुये नवीन कुमार मूलतः जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। इंजीनियरिंग मे स्नातक और प्रबंधन मे स्नातकोत्तर नवीन कुमार उदयमान लेखक और कवि हैं। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न, कलम के धनी, नवीन जी, मानवीय भावनाओं को अपने लेखनी के माध्यम से कागज पर उकेरने मे सिद्धहस्त हैं। अपने पहले काव्य संग्रह "परिचय विहीन" से पाठकों के दिलों मे जगह बना चुके नवीन जी की अन्य प्रकाशित किताब है, प्रेम कहानी, कर्मा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मन बैरागी, सीक्रेट फाइल की चोरी, भतरा जनजाति और कथासागर ।
" सवरा जनजाति " नवीन जी के द्वारा लिखित नवीनतम किताब है। प्रस्तुत किताब भारत की प्राचीनतम महान जनजाति, सवरा जनजाति के बारे मे जानकारी प्रदान करती है। सवरा एक कृषि प्रधान जाति है। जल, जमीन और जंगल सवरा लोगों के प्राण है। वर्षों से अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को सहेजे सवरा जनजाति आज बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस किताब के जरिए सवरा जनजाति की जीवन पद्धति, खानपान, रीति रिवाज, कला और संस्कृति के बारे मे बताने का अनूठा प्रयास किया गया है।
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