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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक हर उस व्यक्ति को समर्पित हैं जो अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। मैं, आप और हम सभी इस संसार में किसी न किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आए हैं। हमारा जन्म केवल इस संसार में घूमने-फिरने के लिए नहीं हुआ हैं बल्कि एक लक्ष्य प्राप्ति के लिए हुआ है। लेकिन हम अपने उसी लक्ष्य से परिचित नहीं हैं!
कई बार अपने लक्ष्य से परिचय हो जाने के बाद भी हम सफल नहीं हो पाते हैं क्यूंकि हमें पता ही नहीं हैं की हमें अपना लक्ष्य प्राप्त कैसे करना हैं? हम सफल इसलिए भी नहीं हो पाते हैं क्यूंकि हम अपने जीवन में अनुशासन का पालन नहीं करते हैं। सफल होने के लिए आपका अपने जीवन में गंभीर होना अति आवश्यक हैं।
इस पुस्तक में वो रहस्य हैं, जो हम सभी जानते हैं, लेकिन दैनिक जीवन की भाग-दौड़ में इन सभी बातो को भूल जाते हैं। हम उसका सही तरह से प्रयोग ही नहीं कर पाते हैं। सफल होने के लिए इस संसार से बाहर का कोई फॉर्मूला नहीं हैं। वो सब कुछ आपके भीतर हैं।
पुस्तक का नाम 'सफलता की रामायण', सफल होना है तो श्री राम जैसा बनो ! इसे पढ़कर ही आप समझ जायेंगे की इस पुस्तक में क्या-क्या हो सकता हैं ! जिसके जीवन में 'राम नाम' की नैया जुड़ जाएं वो बड़े से बड़ा महासागर भी हनुमान जी की भांति लांघ सकता हैं।
ये कोई धार्मिक पुस्तक नहीं हैं। इस पुस्तक को धर्म का आईना लगाकर बिलकुल मत पढ़ना। श्री राम सभी के हैं। इस संसार में श्री राम का जन्म मानव कल्याण के लिए और एक आदर्श व्यक्ति कैसा होना चाहिए उसके लिए हुआ था। बाकी असुरों का विनाश तो श्री राम की कहानी में एक छोटी सी सफलता मात्र हैं।
मुकेश दुबे
मुकेश दुबे डिजिटल युग के उभरते युद्यमी हैं. निरंतर नित नए कार्य करने की प्रेरणा को ही असली जीवन मानते हैं. किसी भी कार्य में असफल होकर बैठ जाना ये इन्हे नहीं आता हैं और यही इनकी ज़िंदगी का मूलमंत्र भी हैं. कॉलेज के समय में रंगमंच से जुड़े रहे, इसी दौरान इन्हें लेखन में भी रुचि पैदा हो गयी. नौकरी के बाद इन्होने स्वयं की विज्ञापन कंपनी ''वेबमंत्र'' की शुरुवात की, इसके बाद एनिमेटर्स के लिए एनीमेशन गैलेक्सी नाम की न्यूज़ कंपनी और बाद में बॉलीवुड मीडिया वेबसाइट की शुरुवात की.
इसी दौरान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल "अनीम डे अवार्ड्स'' की शुरुवात और फिर ''सोसाइटी फॉर एनीमेशन इन दिल्ली'' के ''जॉइंट सेक्रेटरी'' पद पर चुने गए. इंडिया पोस्ट के अभियान ''भविष्य बचाओ'' की मुहीम से जुड़कर उसे लिम्का बुक्स ऑफ़ रिकार्ड्स तक ले जाने का कार्य किया.
मुकेश दुबे एक लेखक, कवि, मोटिवेशनल स्पीकर और सोशल मीडिया एन्फ्लूएंसर भी हैं. सोशल मीडिया, फिल्म और राजनीती में भी इनकी काफी रुचि हैं.
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