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Kavita Mala / कविता माला Poem

Author Name: Kalawat Kl | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

एक तरफ कोरोना महामारी ने अपने पैर पसारने शुरू किये ही थे कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सम्पूर्ण भारत बन्द कर दिया। सब काम बन्द। न कहीं आना और न कहीं जाना। समय खाली था। अब क्या किया जाये। ऐसी स्थिति में मैंने कलम उठाई और कुछ ऐसी पक्तियों का निर्माण करने लगा कि प्रतिदिन एक कविता एक बिन्दु पर लिखने लगा। प्रतिदिन आये नवीन विचार पर कुछ पक्तियॉं लिखकर मन को तसल्ली देने लगा। इन कविताओं ने मेरे अन्दर तो साहस का संचार किया ही, कई दोस्तों, रिश्तेदारों एवं समाजसेवकों ने प्रशंसा करना शुरू कर दिया। 
 बस सिलसिला शुरू हो गया। दिन ऐसे कटने लगे कि दिन कब निकल जाता पता ही नहीं चलता। कविता माला में नवीन रचना हेतु नवीन विचार आते ही शरीर में एक स्फूर्ति एवं साहस का संचार उठने लगता। कई सम्पादकों एवं लेखकों ने मेरी लिखी रचना पर ऐसे शब्द अभिव्यक्त किये कि मैं विश्वास नहीं कर पा रहा था कि क्या इन पक्तियों में लिखे शब्दों को मैं ही अभिव्यक्त कर रहा हूँ  या कहीं दूर कोरोना महामारी में उठे दर्द भरे मन मेरे मन से टकराकर नवीन रचना का सूत्रपात कर रहे है।
 मैं आशा करता हूँ  कि मेरी लिखी कुछ चन्द पक्तियॉं आपके दिल को छू जाये तो मेरी लिये यह गर्व की बात होगी। साथ ही उक्त पक्तियों को जीवन में आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दूसरों को भी प्रदान करें।

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कलावत के. एल.

बालिका एवं महिला की रक्षा एवं सम्मान हेतु सदैव तत्पर रहने वाले कलावत के.एल. रक्षा पर कई लम्बे अरसे से अनुसंधानरत है जिस पर विभिन्न पुस्तकों का प्रकाशन करने के साथ सम्पूर्ण भारत में  निःशुल्क प्रशिक्षण भी प्रदान कर चुके है। कई सामाजिक संगठनों, राज्य सरकार, भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत हो चुके है। इनका मुख्य उदेश्य कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही समाज की सुरक्षा है। इसी उदेश्य के तहत पिछले 30 वर्षों से निरन्तर कार्य करने के साथ शोध भी कर रहे है। कलावत के.एल., लेखक द्वारा अभी तक विभिन्न पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। जिसमंे आत्मरक्षा, नाटक, कवितायें, हास्यापद कहानी का प्रकाशन हो चुका है। मूलतः जालिया द्वितीय, अजमेर के रहने वाले लेखक ने जयपुर एवं भारत एवं विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण कर विभिन्न सामाजिक कार्य किये है। 

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