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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयदि आप डर, शर्म ,हकलाहट को दूर कर ठीक से बोलना चाहते हो, तो यह किताब आपके लिए है। श्री मनिमारन जी ने, जो खुद हकलाहट से पीड़ित रह चुके हैं, उन्होंने पिछले 12 वर्षों में 500 से ज्यादा हकलाहट से पीड़ित या इससे छुटकारा पा चुके लोगों से प्राप्त गहरी समझ और अपने खुद के अनुभवों के आधार पर यह किताब लिखी है। उन्होंने इससे छुटकारा पाने के तरीके और गुर इस किताब में समझाये हैं । जिससे हकलाहट ग्रस्त व्यक्ति एक सादा और सरल सी व्यवहारिक तकनीक का अभ्यास कर स्पष्ट और धाराप्रवाह तरीके से बातचीत कर सकें। इस किताब में एक अनूठी स्पीच थेरेपी एन्ड्रयु बेल तकनीक बतायी गयी है, जो हकलाहट के लिए जिम्मेदार सभी कारकों पर एक साथ काम करती है ।
इस पुस्तक का उद्देश्य आपको एक कुशल संचार कर्ता बनने के लिए प्रेरित करना है, ताकि आप अपने आगामी जीवन के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित कर सको, जिनके बारे में आपने अपनी वाणी विकार समस्या के कारण अब तक नहीं सोचा है ।
वी. मनिमारन
श्री मणिमारन जी, उम्र 63 साल एक सरकारी विभाग के चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने 50 साल की उम्र तक हकलाहट के साथ में संघर्ष किया। वह भी विद्यार्थी जीवन मे विद्यालय और कॉलेज में , बाद में कार्यस्थल पर मीटिंग आदि में बोलने में कठिनाई महसूस करते थे । अनजान को अपना नाम बताना, बस का टिकट खरीदना, होटल में खाने का आर्डर देना और फोन पर बात करना श्री मनीमारन जी के लिए एक बुरे सपने जैसा था । दी इंडियन स्टेमरिंग एसोसिएशन के बारे में जानने के बाद श्रीमान मनीमारन जी ने 2009 चेन्नई में भी स्वयं सहायता समूह की मीटिंग करना शुरू किया । उन्होंने इस संगठन से डर और शर्म को दूर करना सीखा, जिससे एक आत्मविश्वास से भरपूर मनिमारन का जन्म हुआ।
सेवानिवृत्ति के बाद में उन्होंने अपना पूरा समय हकलाहट ग्रस्त समुदाय को देना शुरू कर दिया। उन्होंने चेन्नई में नियमित रूप से स्वयं सहायता समूह की मीटिंग और कार्यशाला आयोजित करना शुरू किया। उन्होंने एक वेबसाइट भी बनाई www.chennaistammering.com और 2014 में अपनी स्पीच थेरेपी के वीडियो में यूट्यूब पर अपलोड किए । अब तक 87k लोगों ने तमिल एवं अंग्रजी स्पीच थेरेपी का वीडियो देखा है और साथ ही साथ उन्होंने दो व्हाट्सएप ग्रुप भी शुरू किये, जिनमें लगभग 500 सदस्य जुड़े हुए है। वरिष्ठ नागरिक के रूप में वह बिना किसी डर और शर्म के आत्मविश्वास के साथ बोल रहे हैं। वे अपना ज्यादातर समय जरूरतमंद हकलाहट ग्रस्त व्यक्तियों को फोन पर या व्हाट्सएप पर या व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन करने लगा रहे हैं ।
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