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Dr. Arti 'Lokesh' Ki Sahitya Surabhi / डॉ. आरती 'लोकेश' की साहित्य सुरभि Dr. Arti 'Lokesh' ke Sahitya ka Samixatmak Adhyayan

Author Name: Dr. Poonam Ahlawat Dr. Urmila Devi Choudhary, डॉ. आरती 'लोकेश' | Format: Paperback | Genre : Reference & Study Guides | Other Details

डॉ. आरती लोकेश लगभग दस वर्षों से साहित्य साधना में निरन्तर समर्पित हैं। दुबई यू.ए.ई की निवासी होने के कारण भारतीय संस्कृति और संस्कारों के साथ दुबई यू.ए.ई की संस्कृति और संस्कारों की झलक इनके साहित्य में स्पष्ट रूप से छलकती है। अपने लेखन कौशल के कारण वे हिन्दी भाषियों के साथ अहिन्दी भाषियों की सर्वाधिक प्रिय रचनाकार हैं। उनके समग्र साहित्य पर दो भारतीय और एक विदेशी विश्वविद्यालय में शोध कर्म किया जा रहा है। ‘डॉ. आरती लोकेश की साहित्य सुरभि’ पुस्तक के निर्माण का उद्देश्य हिंदी साहित्य अध्ययन करने वालों को सहायता प्रदान करना है। अपने नाम के अनुरूप यह पुस्तक अपनी सार्थकता को पूर्णरूपेण अभिव्यक्त करती है। जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों रूपी राग को इस सुरभि में उकेरा गया हैं। इसे असीम हिन्दी साहित्य का हिस्सा बनाने का प्रयास अनवरत रहा है। आज का पाठक उनकी समग्र कृतियों को पढ़ने का अरमान रखता है। ‘साहित्य सुरभि’ को प्रकाशन योजना पाठक के उसी अरमान को पूरा करने की ओर एक कदम है।

इस पुस्तक में उनके जीवनवृत्त पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को भी रेखांकित किया गया है। उनके द्वारा रचित नौ पुस्तकों तथा तीन संपादिक पुस्तकों पर समीक्षाएँ व टिप्पणियों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है। यह पुस्तक उनके साहित्य को अध्ययन करने वालों को उनके रचना-उद्देश्यों की सूक्ष्म दृष्टि प्रदान करेगी। अध्ययन की सुविधा से एक पुस्तक पर लिखी गई सभी समीक्षाओं को एक साथ रखा गया है। साथ ही कुछ साक्षात्कार भी सम्मिलित किए गए हैं जो उनके शोधार्थियों को उन्हें बेहतर जानने में मदद करेंगे। देश तथा विदेशी प्रतिष्ठित साहित्यकारों के शुभाशीष के साथ यह पुस्तक बहुत उपयोगी बन पड़ी है। 

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डॉ. पूनम अहलावत, डॉ. उर्मिला देवी चौधरी, डॉ. आरती 'लोकेश'

बारह वर्षों से फरीदाबाद निवासी डॉ. पूनम अहलावत मूलतः रोहतक, हरियाणा से हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय मे हुई। कविता लेखन मे रुचि होने के कारण ‘प्रगतिवादी काव्य परंपरा में महेंद्र भटनागर का स्थान’ इनके शोध का विषय रहा। अब राजकीय महाविद्यालय फरीदाबाद में हिंदी साहित्य के प्रवक्ता पद पर कार्य कर शिक्षण सेवाएँ प्रदान कर रही हैं। अनेक संगोष्ठियों में इन्होंने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज की है। हिन्दी साहित्य की अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में इनकी कविताएँ, कहानियाँ, लघुकथाएँ तथा शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं।

कुछ वर्षों से दुबई निवासी डॉ. उर्मिला देवी चौधरी मूलत: हनुमानगढ़, राजस्थान से हैं। उनकी शिक्षा-दीक्षा पंजाब तथा राजस्थान में हुई। ‘कमलेश्वर के उपन्यासों में मध्यवर्ग’ इनके शोध कार्य का विषय रहा। भारत में रहते समय हिंदी साहित्य के प्रवक्ता पद पर कार्य कर शिक्षण सेवाएँ प्रदान की। अनेक अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक मंचों व चर्चाओं में ये सक्रिय हैं। हिंदी साहित्य की अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में इनके द्वारा पुस्तक-समीक्षाएँ, कहानियाँ, लघुकथा, कविताएँ तथा शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं। यू.ए.ई से प्रकाशित 'सोच’, अमेरिका न्यूयॉर्क कौंसलावास से प्रकाशित ‘अनन्य यू.ए.ई.’ भारत से ‘सामयिक परिवेश’ तथा ‘संगिनी’ में इनकी कई रचनाएँ हैं। इन्होंने यू.ए.ई में राष्ट्रीय स्तर की बाल कवि प्रतियोगिता में निर्णायक भूमिका का निर्वाह किया है।

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