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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palदिल्ली महानगर में रहने वाले एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का विलोक एक गैर सरकारी संस्था में प्लेसमेंट होने के बाद उसे ज्वाइन कर लेता है। हमेशा मुश्किल चुनौतियों से दूर भागते हुए आसान रास्ता चुनते आये विलोक को पता चलता है की जिस रास्ते को वो आसान समझता था वो उसकी कल्पना से कहीं ज़्यादा मुश्किल है। एक शहर में रहने वाले आराम पसंद और सुविधा भोगी विलोक को नक्सली प्रभावित क्षेत्र में रह कर ग्रामीण विकास के लिए काम करने की चुनौती मिलती है। इसी रास्ते पर चलते-चलते कब वो उसकी ज़िन्दगी की राह बन जाएगी उसे पता ही नहीं चल पाता। बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पीछे भागने वाले युवाओं के बीच एक दिशाहीन नौजवान की कहानी जो एक गैर सरकारी संस्था में काम करते हुए सभी चुनौतियों का सामना करता है और बनाता है अपनी एक लीग से हट कर काम करने वाले की पहचान। कैसे बनता है विलोक एक “डेवलपमेंटवाला”।
आदित्य कुमार
आदित्य कुमार एक डेवलपमेंट प्रैक्टिशनर हैं, जिन्होंने भारत में कई प्रतिष्ठित एनजीओ के साथ काम किया है। उन्होंने मैकेनिकल और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में बी-टेक और मार्केटिंग और ऑपरेशंस में एमबीए किया है। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में एक मार्केटिंग प्रोफेशनल के रूप में अपना करियर शुरू किया और एक प्रतिष्ठित बीमा कंपनी और मोबाइल एडवर्टाइज़िंग संस्था में काम किया। उनके आंतरिक आह्वान ने उन्हें एनजीओ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। पिछले पंद्रह वर्षों में उन्होंने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार क्षेत्रों में गरीबी से पीड़ित और आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए काम किया। वर्तमान में, वह दिल्ली में रहते हैं।
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