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Betrayal / विश्वासघात Karm ka Kahar / कर्म का कहर

Author Name: Shyam Sundar Bulusu | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

अगर मैं आपसे कहूं कि जीवन ने मुझे चांदी की थाली में स्वर्ग परोसा है और मैं ने उसे अपनी उंगलियों से फिसलने दिया तो आप क्या कहेंगे? क्या यह बेलगाम लोलुपता, अंधी महत्वाकांक्षा, या अटल अहंकार था जिसने मुझे उन लोगों को रौंदने पर मजबूर कर दिया जो मुझसे प्यार करते थे, जो मेरे प्रिय थे? मुझें नहीं पता। मेरे पास इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं है।

कर्म हमेशा वापस आता है।
आप दूसरों का भला करेंगे, इसका फल आपको मिलेगा।
आप किसी को नुकसान पहुंचाते हैं, देर-सबेर आपको इसकी सज़ा मिलेगी।

मैं कावेरी हूं और यह मेरी कहानी है।

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श्याम सुन्दर बुलुसु

चेन्नई में जन्मे श्याम सुंदर बुलुसु, प्रसिद्ध इलेक्ट्रिकल इंजीनियर स्वर्गीय श्री बुलुसु राम सोमयाजुलु (बीआरएस) और स्वर्गीय श्रीमती बुलुसु कामाक्षी के पुत्र हैं । उन्होंने चेन्नई के विवेकनन्द कॉलेज से १९६८ में B.Sc. और आंध्र विश्वविद्यालय से १९७१ में M. Sc . (Tech.) पूरा किया । 

मार्च १९७४ में, वे लखनऊ में केंद्रीय भूजल बोर्ड में शामिल हुए। लगभग ३६ साल के करियर के बाद जनवरी २०१० में उनकी सेवानिवृत्ति हुई।

सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अंग्रेजी में पांच उपन्यास, लघु कहानियों का एक संग्रह, और कविताओं के दो संग्रह (अंग्रेजी और हिंदी) लिखे हैं। उनमें उल्लेखनीय हैं मई २०१४ में Partridge India द्वारा प्रकाशित "Dance of Life" (' Dance of Life', 'Intersections' और 'Soulmates') और अन्य शीर्षक जैसे "Embers of the pyre", "Misogynist interrupted", और “Race with terror” शामिल हैं।

उनकी विविध प्रतिभाएँ, सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, और सांसारिक अनुभव उनके कार्यों में चमकते हैं। वर्तमान में चेन्नई, तमिलनाडु में रहने वाले, श्याम सुंदर बुलुसु अपनी आगामी रचनाओं के लिए नए विषयों की खोज जारी रखते हैं।

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