Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palलेखक का जन्म 12 मई, 1944 को गांव समैण, जिला रोहतक, हरियाणा में हुआ था। वह पेशे से वकील रहे हैं। उन्होंने एम.ए. इतिहास की परीक्षा में पंजाब विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान लेकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके बाद उन्हें अपने पीएचडी शोध कार्यRead More...
लेखक का जन्म 12 मई, 1944 को गांव समैण, जिला रोहतक, हरियाणा में हुआ था। वह पेशे से वकील रहे हैं। उन्होंने एम.ए. इतिहास की परीक्षा में पंजाब विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान लेकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके बाद उन्हें अपने पीएचडी शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित यूजीसी फ़ेलोशिप मिली। इसी दौरान वह हरियाणा के महम से निर्दलीय विधायक चुने गये। वह लंबे समय तक प्रसिद्ध महम चौबीसी खाप पंचायत के महासचिव रहे हैं। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि उन्होंने इस मंच के माध्यम से कई हत्या, दहेज और व्यक्तिगत विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई में भी इस खाप पंचायत का अहम योगदान रहा है. लेखक ने अपना जीवन किसानों के हितों के लिए काम करते हुए बिताया है। यह पुस्तक उस दिशा में एक विनम्र प्रयास है।
Read Less...Achievements
अपनी मांगों के समर्थन में किसानों द्वारा छब्बीस नवंबर, 2020 से शूरू होकर 12 दिसंबर, 2021 तक दिल्ली का घेराव मानव इतिहास में सबसे लंबे आंदोलन में से एक है। अहिंसा की गांधीवादी नीति, भगत स
अपनी मांगों के समर्थन में किसानों द्वारा छब्बीस नवंबर, 2020 से शूरू होकर 12 दिसंबर, 2021 तक दिल्ली का घेराव मानव इतिहास में सबसे लंबे आंदोलन में से एक है। अहिंसा की गांधीवादी नीति, भगत सिंह की बलिदानी भावना, बाबा भीम राव अम्बेडकर व महात्मा फूले द्वारा समानता और बंधुत्व का नारा इस आंदोलन में अपने चरम पर था। आंदोलन ने सर्वोत्तम मानवीय मूल्यों को समृद्ध किया, महिलाओं को सशक्त बनाया, सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत किया तथा सामाजिक और क्षेत्रीय अंतराल को पाट दिया। सामूहिक नेतृत्व, समाज के हर वर्ग और दुनिया के हर कोने से समर्थन ने इसे न्याय की अनूठी अभिव्यक्ति बना दिया। यह पुस्तक इस अद्भुत किसान आंदोलन की हरियाणा और दिल्ली की घटनाओं पर केंद्रित है। हालाँकि, कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ, जो इन स्थानों की भौगोलिक सीमाओं से परे घटित हुई हैं, का भी पुस्तक में उल्लेख किया गया है।
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.