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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकलाक्षी केशव शर्मा हाल ही में स्नातक शिक्षा पूरी की है और एक स्नातकोत्तर विद्यार्थी है. कक्षा सातवीं में उन्होंने अपनी पहली कहानी लिखी थी. उन्हें लिखने की प्रेरणा अपनी कवयित्री माँ अरुणा शर्मा और अपने पिता कैलाश कुमार शर्मा से मRead More...
कलाक्षी केशव शर्मा हाल ही में स्नातक शिक्षा पूरी की है और एक स्नातकोत्तर विद्यार्थी है. कक्षा सातवीं में उन्होंने अपनी पहली कहानी लिखी थी. उन्हें लिखने की प्रेरणा अपनी कवयित्री माँ अरुणा शर्मा और अपने पिता कैलाश कुमार शर्मा से मिली. उनकी पहली किताब कोविड लॉकडाउन के छपी और उसके बाद से उन्हों अपनेआप को लेखन में समर्पित करने का फैसला किया .
इस कहानी की लेखिका कलाक्षी केशव शर्मा अलग-अलग विधाओं में कहानियाँ लिखना पसंद करती है. उन्हें हमेशा से ही अपने परिवार का पूरा साथ मिला और उन्होंने इन्हे लिखने के लिए प्रोत्साहित किया. कहानी को लिखते समय उनके मन में कई तरह के विचार आते है क्योंकि वे हमेशा से ही इस दुनिया के परे की दुनिया में यकीन रखती है. उन्हें काफी कम उम्र से लिखना पसंद है वो हमेशा से सबसे अलग तरह की कहानियां सोचती और लिखती है. उम्मीद करते है उनकी ये कहानी सभी को पसंद आए क्योंकि उन कहानियों को पढ़ते समय आप ऐसी रोमांचक दुनिया में पहुँच जाते है जो आपको वास्तविकता और काल्पनिक दुनियाँ के बीच बेहतरीन संतुलन का अहसास करवाती हैं. ...
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शहर से गायब हो रहे युवाओं की खोज कर रही पुलिस के हाथ खाली थे. उर्वशी भी उसी गुमशुदा युवाओं में से एक थी. पर जब उसने अपने अपहर्ता को करीब से देखा तो पता चला उसका मक़सद कुछ और ही है.
शहर से गायब हो रहे युवाओं की खोज कर रही पुलिस के हाथ खाली थे. उर्वशी भी उसी गुमशुदा युवाओं में से एक थी. पर जब उसने अपने अपहर्ता को करीब से देखा तो पता चला उसका मक़सद कुछ और ही है.
एक आम दिन, यशस्वी अपने दोस्तों के साथ घूमने गई मगर एक फ़ोन कॉल ने उसका दिन बदल दिया।
अंशुमान को अगवा कर एक अनजान जगह पर बंद कर दिया जाता है। वो अपने टूटे फ़ोन से एक अनजान नंबर पर मद
एक आम दिन, यशस्वी अपने दोस्तों के साथ घूमने गई मगर एक फ़ोन कॉल ने उसका दिन बदल दिया।
अंशुमान को अगवा कर एक अनजान जगह पर बंद कर दिया जाता है। वो अपने टूटे फ़ोन से एक अनजान नंबर पर मदद के लिए फ़ोन लगता है और उसे उठाती है यशस्वी। क्या वो उसकी परिस्थिति समझ उसकी मदद करेगी? या वो उसे एक प्रैंक कॉल समझ अनदेखा करेगी? क्यों अंशुमान को अगवा किया गया है?
एक इंसानी तितली केशव एक भूतिया खँडहर में रहता है. सभी की नज़रों में वो कोई राक्षस या भटकती आत्मा है मगर असलियत में वो शांत स्वभाव का है और उसे फूलों से बेहद प्यार है. एक दिन उसकी मुला
एक इंसानी तितली केशव एक भूतिया खँडहर में रहता है. सभी की नज़रों में वो कोई राक्षस या भटकती आत्मा है मगर असलियत में वो शांत स्वभाव का है और उसे फूलों से बेहद प्यार है. एक दिन उसकी मुलाक़ात वृंदा से होती है जिसे फूलों से एलर्जी (प्रत्यजंता) है. दोनों एक-दूसरे से विपरीत परिस्थिति के बावज़ूद प्यार में पड़ते है. अब उनकी ज़िंदगी में कई नए किरदार जुड़ गए हैं.
‘इंद्रजीत' शहर का सबसे कुख़्यात गैंगस्टर है. उससे सभी लोग डरते है. अपने सालों से खून में सने हाथो को साफ़ करने उसने अचल संपत्ति का व्यवसाय शुरू करता है. 15 साल की उम्र अपना परिवार खो दे
‘इंद्रजीत' शहर का सबसे कुख़्यात गैंगस्टर है. उससे सभी लोग डरते है. अपने सालों से खून में सने हाथो को साफ़ करने उसने अचल संपत्ति का व्यवसाय शुरू करता है. 15 साल की उम्र अपना परिवार खो देने के बाद उसका यही मकसद था कि वो शहर को अपने अधीन करे. निर्दयता, रूखेपन और अकेलेपन से भरे उसके जीवन में अब कोई रोमांच नहीं है.
'हर्षा' एक अनाड़ी, मन मौजी और खुशमिज़ाज़ लड़की है. वो उस ईमारत के पास की ईमारत में काम करती है जहाँ इंद्रजीत काम करता है. एक दिन अप्रत्याशित रूप से उसकी मुलाकात इंद्र से होती है. जिसका फ़िलहाल शौक हर चीज़ को करीने से रखना है.
कहते हैं विपरीत आकर्षित करता है. क्या ऐसा होगा? उन दोनों की मुलाकातों का क्या नतीजा निकलेगा ? क्या वो एक दूसरे के राज़ सही वक़्त पर जान पाएंगे?
Keshav, a flying creature, lives in a haunted ruin. In the eyes of everyone, he is a demon or a wandering soul, but in reality he is of a calm nature and he is very much in love with flowers. One day he meets Vrinda who is allergic to flowers . Both fall in love with each other in spite of adversity. will they live together...
Keshav, a flying creature, lives in a haunted ruin. In the eyes of everyone, he is a demon or a wandering soul, but in reality he is of a calm nature and he is very much in love with flowers. One day he meets Vrinda who is allergic to flowers . Both fall in love with each other in spite of adversity. will they live together...
एक इंसानी तितली केशव एक भूतिया खँडहर में रहता है. सभी की नज़रों में वो कोई राक्षस या भटकती आत्मा है मगर असलियत में वो शांत स्वभाव का है और उसे फूलों से बेहद प्यार है. एक दिन उसकी मुला
एक इंसानी तितली केशव एक भूतिया खँडहर में रहता है. सभी की नज़रों में वो कोई राक्षस या भटकती आत्मा है मगर असलियत में वो शांत स्वभाव का है और उसे फूलों से बेहद प्यार है. एक दिन उसकी मुलाक़ात वृंदा से होती है जिसे फूलों से एलर्जी (प्रत्यजंता) है. दोनों एक-दूसरे से विपरीत परिस्थिति के बावज़ूद प्यार में पड़ते है.
उर्मी और लोकेश काम के चलते एक दूसरे को समय नहीं दे पाते थे. दोनों की हाल ही में शादी हुई थी इसलिए परिवार वालों ने दोनों के लिए ट्रैकिंग का प्लान बनाया और नई गाड़ी दे कर भेज दिया. शह
उर्मी और लोकेश काम के चलते एक दूसरे को समय नहीं दे पाते थे. दोनों की हाल ही में शादी हुई थी इसलिए परिवार वालों ने दोनों के लिए ट्रैकिंग का प्लान बनाया और नई गाड़ी दे कर भेज दिया. शहर से दूर निकलने पर उनके साथ कुछ बहुत अजीब हुआ. ऐसा जो किसी ने कभी सोचा भी नहीं था. ऐसा क्या हुआ उनके साथ..........क्या वो किसी ऐसी मुसीबत में फस गए जहाँ से निकलना नामुकिन सा होने वाला है... जानने के लिए पढ़िए "रात्रि"
ये कहानी है अक्षरा नाम की एक लड़की की जो एक फिल्म के लिए हद से ज्यादा दीवानी हो चुकी है. उसे अपने आसपास के लोगों से ज्यादा उस फिल्म से मतलब है. इसका नतीजा ये होता है एक दिन वो अपने आप
ये कहानी है अक्षरा नाम की एक लड़की की जो एक फिल्म के लिए हद से ज्यादा दीवानी हो चुकी है. उसे अपने आसपास के लोगों से ज्यादा उस फिल्म से मतलब है. इसका नतीजा ये होता है एक दिन वो अपने आप को उसी फिल्म में पाती है. उसके फिल्म में जाने से कहानी बदलने लगती है. क्या ये उसका कोई सपना था? क्या वो पागल हो गई थी? अगर उसने कहानी बदल दी थी तो क्या सभी के लिए वो बदल गई? क्या कोई है जो जानता है उसके साथ ये क्या हो रहा है? उसका अंत कैसा होगा? क्या फिल्म ख़त्म होने के बाद वो बदलेगी? ये सब जानेंगे इस कहानी में…
एक देहाती भारतीय परिवेश में पली बढ़ी लड़की संस्कृति को उसके पिता के दोस्त विदेश में रहकर उनके आधुनिक और आज़ाद सोच वाले बटे व्यास के लिए पसंद कर लेते हैं। घर वालों के दबाव में व
एक देहाती भारतीय परिवेश में पली बढ़ी लड़की संस्कृति को उसके पिता के दोस्त विदेश में रहकर उनके आधुनिक और आज़ाद सोच वाले बटे व्यास के लिए पसंद कर लेते हैं। घर वालों के दबाव में वे यह शादी कर लेते हैं। उसने कभी संस्कृति को अपनी पत्नी नहीं माना। कहानी एक दिचस्प मोड़ लेती है जब दिन एक अप्रत्याशित घटना घटती है।
पराग्रही एक विज्ञानं आधारित फंतासी कथा है. हरिणाक्षी ने जब अद्वैत से शादी की तो बहुत खुश थी क्योंकि वो उसे बहुत प्यार करता है. अद्वैत की माता-पिता न होने के कारण हरिणाक्षी के घर
पराग्रही एक विज्ञानं आधारित फंतासी कथा है. हरिणाक्षी ने जब अद्वैत से शादी की तो बहुत खुश थी क्योंकि वो उसे बहुत प्यार करता है. अद्वैत की माता-पिता न होने के कारण हरिणाक्षी के घरवाले शादी पर थोड़ा झिझके थे.धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया. अद्वैत का तबादला जयपुर हुआ. वहीँ उन्हें हरिणाक्षी की दोस्त नंदसानी मिली. सब बहुत खुश हुए. एक दिन कुछ नकाबपोशों ने उस पर हमला कर दिया जिससे उसकी आगे की पूरी जिंदगी बदल गई.....
जागृति एक जैसे दिखने वाली इमारत के सामने खड़ी थी. उसमें कुल सात या आठ मंजिल होंगी. पास में पार्किंग में उसने अपनी स्क Read More...
प्रोफेसर अपने परिवार के साथ में शहर आया यहां उसने महिमा विश्वविद्यालय ज्वाइन की थी क्योंकि उसे विशेष अनुग्रह पर ब Read More...
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